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ek medical collage me


एक मेडीकल कॉलेज मे एक नये प्रोफेसर ने ज्वॉइन किया...
और बहुत ही नामचीन प्रोफेसर होने की वजह से उसे इस
बात की बिलकुल भी घबराहट नहीं थी कि आज
इस कोलेज मे उसका पहला दिन है..!! वो सीधा अपनी पहली क्लास मे गया और
सभी छात्र और छात्राओ ने उसका जोरदार स्वागत किया...!!  प्रोफेसर ने सभी छात्र और छात्राओ को इस
स्वागत के लिये धन्यवाद दिया और अपने परिचय देने के बाद क्लास से बोला
" मै भी आप सभी का परिचय जानना चाहता हूँ... पर उससे पहले एक सवाल पूछ कर
आप सभी के ज्ञान की परीक्षा लेना चाहता हूँ..." सभी छात्र और छात्राओ ने एक साथ कहा " सर
ठीक है...हम सभी तैयार है..." प्रोफेसर " हमारे शरीर का कौन सा ऐसा अंग है
जो कि हमारे उत्तेजित होने पर अपने वास्तविक
साईज से दस गुना बडा हो जाता है..?? " जब कोई हाथ खडा नही हुआ
तो फिर प्रोफेसर ने एक लडकी को खडा होने के लिये
इशारा किया और बोला " तुम्हे इस सवाल का जवाब आता है..?? " लडकी " सर मुझे जवाब
तो पता है...परआपको एक लडकी से इस तरह का सवाल पूछने मे शर्म मेहसूस होनी चाहिये..."
प्रोफेसर " ठीक है फिर बैठ जाओ..." प्रोफेसर ने फिर एक लडके का हाथ खडा हुआ
देखा और पूछा " क्या तुम्हे जवाव पता है...?? " लडका " हाँ सर...!! मुझे जवाब पता है.." प्रोफेसर " तो ठीक है फिर बताओ.." लडका " सर आँख की पुतली..."
प्रोफेसर " एकदम सही जवाब..." प्रोफेसर उस लडकी को दोबारा खडा होने के
लिये कहता है जिसने सवाल का जवाब देने से मना किया था और उससे कहता है..
" मुझे तुमको तीन बाते बतानी है..." लडकी " कौन से तीन बाते सर...?? "
प्रोफेसर " पहली बात....तुम्हारा ज्ञान बहुत ही सतही है...इसको गहराई तक लेकर जाओ
दूसरी बात.....तुम्हारे दिमाग मे गन्दगी भरी है..इसे निकालो..और...
तीसरी बात....तुम्हारी उम्मीदे बहुत ज्यादा है.....तो तुम्हे परेशानी मे डाल सकती है.."
लडकी " उम्मीदे ज्यादा होने का क्या मतलब है सर...?? "
प्रोफेसर " तुम जिसकी बात कर
रही थी..वो कभी भी अपने वास्तविक साईज से
दस गुना नहीं होता...

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