आजकल हमारे नेताओं द्वारा खाने की रेटसूची को लेकर काफी बयानबाजियाँ आ रही है….
तो इसी सिलसिले में हमने विभिन्न
नेताओ से बातचीत की… प्रस्तुत हैं उन नेताओं के बयानों के कुछ प्रमुख अंश ……
दिग्विजय सिंह: मेरा तो गाली खाके पेट भर जाता है …
शकील अहमद : पेट भरने के लिए खाने की क्या जरूरत? चैनलो के डिबेट में दर्शको का भेजा ही काफी है !
राहुल गाँधी: अईला ५ रुपये में खाना ? इतना पैसा कौन दे मैं तो दलितों के घर घुस के मुफ्त में खाता हूँ …
नितीश कुमार: सेकुलर खाना सस्ता होता है ….
मुलायम: कांगेस एक भ्रष्ट सकार है …. ये खाने की बात बताकर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दे रहे हैं.
नितिन गडकरी: भई खाना कितना भी मँहगा हो, दबा के खाना चाहिए !
मनमोहन सिंह: कोयला खाइए … बाकी सब…. ठीक है
और अंत में…….
लालू: … ससुरा चारा सबसे सस्ता होत बा !!!
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