1. हमें भूत के बारे में पछतावा नहीं करना चाहिए, ना ही भविष्य के बारे में चिंतित होना चाहिए ;
विवेकवान व्यक्ति हमेशा वर्तमान में जीते हैं.
2. हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है.ऐसी कोई मित्रता नहीं जिसमे स्वार्थ ना हो. यह कड़वा सच है.
3. वेश्याएं निर्धनों के साथ नहीं रहतीं ,नागरिक दुर्बलों की संगती में नहीं रहते , और पक्षी उस पेड़ पर घोंसला
नहीं बनाते जिसपे फल ना हों.
4. सांप के फन , मक्खी के मुख में और बिच्छु के डंक में ज़हर होता है; पर दुष्ट व्यक्ति तो इससे भरा होता है.
5. वह जो अपने परिवार से अत्यधिक जुड़ा हुआ है , उसे भय और चिंता का सामना करना पड़ता है,
क्योंकि सभी दुखों कि जड़ लगाव है. इसलिए खुश रहने कि लिए लगाव छोड़ देना चाहिए.
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