Tujhe kya pata kya guzarti hai mujh per,
Tu to mujhe dariya me chod ke kinare se dekhti hai;
Sahil bhi tera gulam hai aur lehrein bhi,
Dono bhi mujhe bachane se pehle tujh se poochte hain.
तुझे क्या पता क्या गुज़रती है मुझ पैर ,
तू तो मुझे दरिया में छोड़ के किनारे से देखती है ;
साहिल भी तेरा गुलाम है और लहरें भी ,
दोनों भी मुझे बचने से पहले तुझ से पूछते हैं .
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