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थोड़े से पैसे उधार लेकर शुरु की थी कंपनी , और आज ये स्टूडेंट बन गया अरबपति

इस कहानी की शुरुआत 2008 हुए थी जब Shashank ND B.Tech Second Year के Student थे। उस वक़्त उसने पिता बीमार थे और Doctor ने घुटनों के Transplant की बात कही थी , जोकि सिर्फ America में हो सकता था। शशांक को ठीक नहीं लग रहा था इसलिए वो ऑपरेशन से पहले दो-तीन डॉक्टरों की राय लेना चाहते थे लेकिन बहुत कोशिश करने के बाद भी वो कामयाब नहीं हो पाए। उसके बाद शशांक को अमेरिका के डॉक्टर्स तक पिता के हेल्थ रिकार्ड भेजना था इसमें बहुत मुश्किल हुई। शशांक ने किसी तरह Health Records भेज दिए और इलाज करवाया। इसका सबसे मुख्य कारण था समय की कमी रहा और Online Medical Service का आभाव। शशांक को समझ चुके थे कि घर से दूर इलाज कराना बहुत मुश्किल काम है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ Technology से बीटेक कर रहे शशांक ने तय कर लिया कि इस मुश्किल को वो हर हाल में आसान करेंगे। शशांक ने सोचा कि आज हम जिस दौर में जी रहे हैं उसमें ऑनलाइन मेडिकल सर्विस बहुत ज़रूरी है। शशांक ने अपनी सोच से एक सॉफ्टवेयर बनाया जहां मरीज के रिकॉर्ड हों, जहां कई तरह के डॉक्टर आसानी से उपलब्ध हों और जिस डॉक्टर से मिलना चाहते है उससे आप मिलने का समय ले सकें। उन्होंने अपने इस विचार को क्लासमेट अभिनव लाल को बताया। आइडिया नया और अच्छा तो था ही साथ ही बहुत रचनात्मक भी। अभिनव ने तुरंत इस काम के लिए हां कह दिया। शशांक और अभिनव Engineering में फाइनल ईयर के स्टूडेंट थे। अपनी Savings के अलावा अपने परिवार और दोस्तों से उधार ले ले कर 10 लाख रुपए के साथ 2009 में बेंगलुरु में खुद की कंपनी प्रैक्टो टेक्नोलॉजी की नींव रखी। देखते ही देखते 2009 में शुरू हुए इस स्‍टार्टअप का कारोबार आज भारत, ऑस्‍ट्रेलि‍या ,कनाडा वह अन्य 15 देशों में फैल चुका है।

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Practo Technologies Pvt Ltd


प्रैक्टो टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड इसकी स्थापना 2009 में बैंगलोर में हुई। आज इस कंपनी के अंदर 2200 से अधिक लोगों के रोजगार दे रहा है। स्थापना के बाद इस तरह की कई और कंपनियों की स्थापना हुई, Best सर्विस और क्वालिटी की वजह प्रैक्टो सभी से कई आगे है। 2015 अगस्त में प्रैक्टो रे 90 मिलियन डॉलर की कंपनी हो चुकी थी । भारत के अंदर 35 शहरों के साथ ही प्रैक्टो रे के सेंटर अब देश और दुनिया के 50 से अधिक शहरों और लगभग 15 देशों में हैं। बहुत जल्‍द ही प्रैक्‍टो अमरीका, एशिया , मिडिल ईस्ट और साउथ अफ्रीका में भी ये कंपनी लॉन्च करने जा रहा है । जैसा की शशांक का सपना सच होते जा रहा था जैसे उन्होंने सोचा था की उनके बनाए हुए सॉफ्टवेयर से लोगो को अच्छी सविधा मिलेगी और लोगो उसे पसंद करेंगे ठीक बिलकुल वैसा ही हो रहा था। 7 साल की इस race में प्रैक्टो अब 90 मिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी है। आज तकरीबन 200000 से भी अधिक डॉक्टर्स प्रैक्टो रे के अंदर रजिस्टर्ड हैं जो भारत के 310 शहर हैं। प्राक्टो ने 2013 में अपनी Website www.practo.com को लॉच किया। 10000 रजिस्टर्ड हॉस्पिटल और 8000 डायग्नोस्टिक सेंटर के साथ इस कंपनी ने सिंगापुर में मार्केट शेयर के संदर्भ ऑनलाइन क्लीनिक मैनेजमेंट सॉफ्टवेयर के रूप में भी पहचान कायम की है। अब ये कंपनी एक साल में 40 लाख से भी ज़्यादा Appointment लेती है। कंपनी के Bangalore , Mumbai , Delhi , Chennai , Hyderabad और Pune में सात Office हैं और एक Singapore में स्थित हैं।

इसके आगे देखिये => सफलता का रहस्य ( The secret of success )

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