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एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी...

एक डॉक्टर बड़ी ही तेजी सेहॉस्पिटल में घुसा , उसे किसी एक्सीडेंट केमामले में तुरंत बुलाया गया था। अंदर घुसते ही उसनेदेखा कि जिस लड़के का एक्सीडेंट हुआ है उसकेपरिजन बड़ी बेसब्री से उसका इंतज़ार कररहे हैं।डॉक्टर को देखते ही लड़के का पिता बोला , ” आप लोगअपनी ड्यूटी ठीक सेक्यों नहीं करते , आपने आने में इतनी देरक्यों लगा दी ….अगर मेरे बेटे को कुछ हुआ तो इसकेजिम्मेदार आप होंगे …”डॉक्टर ने विनम्रता कहा , ” आई ऍम सॉरी , मैंहॉस्पिटल में नहीं था , और कॉल आने के बादजितना तेजी से हो सका मैं यहाँ आया हूँ। कृपया अबआप लोग शांत हो जाइये ताकि मैं इलाज कर सकूँ….”“शांत हो जाइये !!!” , लड़के का पिता गुस्से में बोला , ” क्या इस समयअगर आपका बेटा होता तो आप शांत रहते ? अगरकिसी की लापरवाही की वजहसे आपका अपना बेटा मर जाए तो आप क्या करेंगे ?” ; पिता बोलेही जा रहा था।” भगवान चाहेगा तो सब ठीक हो जाएगा , आप लोग दुआकीजिये मैं इलाज के लिए जा रहा हूँ। ” , औरऐसा कहते हुए डॉक्टर ऑपरेशन थिएटर में प्रवेश कर गया।बाहर लड़केका पिता अभी भी बुदबुदा रहा था , ” सलाहदेना आसान होता है , जिस पर बीतती हैवही जानता है…”करीब डेढ़ घंटे बाद डॉक्टर बाहर निकला और मुस्कुरातेहुए बोला , ” भगवान् का शुक्र है आपका बेटा अब खतरे से बाहरहै। “यह सुनते ही लड़के के परिजन खुश हो गए औरडॉक्टर से सवाल पर सवाल पूछने लगे , ” वो कब तकपूरी तरह से ठीक हो जायेगा…… उसेडिस्चार्ज कब करेंगे….?…”पर डॉक्टर जिस तेजी सेआया था उसी तेजी से वापस जाने लगा औरलोगों से अपने सवाल नर्स से पूछने को कहा।” ये डॉक्टर इतना घमंडी क्यों है ,ऐसी क्या जल्दी है कि वो दो मिनट हमारेसवालों का जवाब नहीं दे सकता ?” लड़के के पिता ने नर्ससे कहा।नर्स लगभग रुंआसी होती हुईबोली , ” आज सुबह डॉक्टर साहब के लड़केकी एक भयानक एक्सीडेंट में मौतहो गयी , और जब हमने उन्हें फ़ोन किया था तब वेउसका अंतिम संस्कार करने जा रहे थे। और बेचारे अब आपके बच्चेकी जान बचाने के बाद अपने लाडले का अंतिम संस्कारकरने के लिए वापस लौट रहे हैं। “यह सुन लड़के के परिजन और पिता स्तब्ध रह गए और उन्हेंअपनी गलती का ऐहसास हो गया।फ्रेंड्स, बहुत बार हम किसी सिचुएशन के बारे मेंअच्छी तरह जाने बिना ही उसपर रियेक्टकर देते हैं। पर हमें चाहिए कि हम खुद पर नियंत्रण रखें औरपूरी स्थिति को समझे बिना कोई नकारात्मक प्रतिक्रिया न दें।वर्ना अनजाने में हम उसे ही ठेस पहुंचा सकते हैंजो हमारा ही भला सोच रहा हो।

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