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चाणक्य नीति - Chanakya Niti


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आज से कई साल पहले पैदा हुए चाणक्य भारतीय राजनीति और अर्थशास्त्र के पहले विचारक माने जाते हैं ! जो लोग आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करते हैं ! वे कई प्रकार की परेशानियों से बच सकते हैं और सफलता प्राप्त कर सकते हैं ! ज्ञान के केंद्र तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य रहे चाणक्य राजनीति के चतुर खिलाड़ी थे और इसी कारण उनकी नीति कोरे आदर्शवाद पर नहीं बल्कि व्यावहारिक ज्ञान पर टिकी है ! चाणक्य ने अपनी कूटनीति के बल पर ही एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया था !

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उनकी कुछ नीतिया.....!

1. विद्यार्थी को काम यानी कामवासना से दूर रहना चाहिए ! ऐसे विचारों से अध्ययन में मन नहीं लग पाता है ! कामवासना के विचारों से मन भटकता रहता है !

2. अगर कोई सांप जहरीला नहीं है तब भी उसे फुफकारना नहीं छोड़ना चाहिए ! उसी तरह से कमजोर व्यक्ति को भी हर वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए !

3. हर मित्रता के पीछे कुछ स्वार्थ जरूर छिपा होता है ! दुनिया में ऐसी कोई दोस्ती नहीं जिसके पीछे लोगों के अपने हित न छिपे हों यह कटु सत्य है लेकिन यही सत्य है !

4. क्रोध यानी गुस्से को इंसान का सबसे बड़ा शत्रु माना जाता है ! क्रोध वश व्यक्ति की सोचने-समझने की शक्ति नष्ट हो जाती है !


5. जो बीत गया सो बीत गया ! अपने हाथ से कोई गलत काम हो गया हो तो उसकी फिक्र छोड़ते हुए वर्तमान को सलीके से जीकर भविष्य को संवारना चाहिए !

6. भाई-बंधुओं की परख संकट के समय और अपनी स्त्री की परख धन के नष्ट हो जाने पर ही होती है !

7. कष्टों से भी बड़ा कष्ट दूसरों के घर पर रहना है !

8. लालच को सबसे बुरी बला माना जाता है।

9. स्वादिष्ट भोजन का लोभ छोड़कर संतुलित आहार लेने वाले विद्यार्थियों को हमेशा ही सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त होते हैं !

10. अधिक लाड़ प्यार करने से बच्चों में अनेक दोष उत्पन्न हो जाते हैं ! इसलिए यदि वे कोई गलत काम करते हैं तो उसे नजरअंदाज करके लाड़-प्यार करना उचित नहीं है ! बच्चे को डाँटना भी आवश्यक है !

11. विद्यार्थियों के लिए आवश्यकता से अधिक खेल-तमाशे भी नुकसानदायक हो सकते हैं ! खेल, तमाशे यानी आज के दौर में टीवी, फिल्म आदि से दूर रहने पर सर्वश्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं !


12. स्त्री हो या पुरुष, प्रेम-प्रसंग के बाद भी नहाना जरूरी माना गया है ! इस काम के बाद स्त्री और पुरुष, दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं ! इसके बाद जब तक नहाएंगे नहीं, तब तक किसी भी धार्मिक कार्य के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं !

13. उस देश मे निवास न करें जहाँ आपकी कोई ईज्जत नहीं हो जहा आप रोजगार नहीं कमा सकते जहा आपका कोई मित्र नहीं और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते !

14. स्वस्थ शरीर के लिए 6 से 8 घंटे की नींद पर्याप्त रहती है! इससे अधिक नींद लेने वाले विद्यार्थियों को समय अभाव और आलस्य जैसी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है!

15. जो लोग बहुत शिक्षित हैं लेकिन उनके पास किसी काम की विशेषज्ञता नहीं है तो उनकी शिक्षा व्यर्थ है ! शिक्षा वही श्रेष्ठ है जिसका उपयोग किया जा सके। इसीलिए जिस काम में हम पारंगत हो सकते हैं उससे संबंधित शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए ! और क्या आपको आते है बुरे सपने.....! बुरे सपनो से बिछा छुड़ाने के कुछ उपाए.....!



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