हमारे आज के जीवन में पेट की समस्या बहुत ही आम समस्या है। आयुर्वेद के अनुसार पेट का रोग शरीर के हर रोग का प्रमुख कारण होता है ! पेट में गैस बनना, अल्सर होना, अपच होना, बार-बार डकार आना, पेट में एसिड बनना, डायरिया या लूज मोशन होना हर दिन की बात हो चुकी है। कई लोग पेट के रोग को दूर करने के लिये खाना खाने के बाद चूर्ण या दवाइयों का सेवन करने लगते हैं ! मगर इन सब को रोज रोज खाने से आदत पड़ जाती है ! पेट के रोग से बचने के लिये आपको अपनी Diet में काफी बदलाव करने चाहिये ! पेट की Gas दो प्रकार की होती है। एक तो वह जो भोजन करते समय हमारे पेट में पहुंच जाती है ! जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन। दूसरी कार्बन डाइआक्साइड, Hydrogen और मीथेन है जो पाचन प्रक्रिया के दौरान आंतों में बनती है ! एक स्वस्थ व्यक्ति में ये गैसें कम मात्रा में होती हैं जो कि मलद्वार या डकार से आसानी से बाहर निकल जाती हैं ! परन्तु अधिक मात्रा में गैस बनने और पाचन क्रिया के दौरान इसके भोजन में मिलने के कारण इससे कष्ट देने वाले लक्षण पैदा होने लगते हैं। इन लक्षणों में मुख्य है ! खाना खाने के एक या दो घंटे पश्चात पेट में भारीपन महसूस होता है और सांस लेने में भी तकलीफ होती है तथा मलद्वार से अधिक गैस निकलने के कारण आंतों में अनपचे Carbohaidert का Bacteria द्वारा फर्मेंटेशन होता है ! ये गैसें अधिकतर हाइड्रोजन कार्बन डाईआक्साइड और मीथेन होती हैं ! अब देखिये क्या काम उम्र में हो रहे है ! आपके बाल सफेद जानिए ऐसा क्यों.....! और उसके उपाए...!
क्यों बनती है गैस
एरोफैगिया या निगली गई हवा पेट में गैस बनने का सबसे प्रमुख कारण है ! हर कोई थोड़ी मात्रा में खाते और पीते समय हवा निगल लेता है ! हालांकि जल्दी-जल्दी खाने या पीने, च्यूंगम चबाने , धूम्रपान करने से कुछ लोग ज्यादा हवा अंदर ले लेते हैं ! जिनमें Nitrogen, ऑक्सीजन और carbon dioxide होती हैं ! कुछ हवा डकार के द्वारा बाहर निकल जाती है ! लेकिन कुछ आंत में चली जाती है ! बची हुई थोड़ी सी गैस यहां से बड़ी आंत में चली जाती है ! जो गुदा मार्ग द्वारा बाहर निकलती है !
ज्यादा गैस बनाने वाले भोजन
फल में नाशपति, केला और आड़ू
सब्जियां में ब्रोकली, पत्तागोभी, फूलगोभी और प्याज
साबुत अनाज में गेहूं
सॉफ्ट ड्रिंक्स और फलों का जूस
दूध-दूध से बने उत्पाद, जैसे पनीर, आइस्क्रीम और डिब्बाबंद भोजन
ऐसे भोजन जिनमें सोर्बीटोल होता है। जैसे शूगर फ्री कैंडी या च्यूंगम
मटर, ब्रेड, सलाद, फलियां
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पेट की गैस को ठीक करने के 11 आसान उपाय
1. भोजन खूब चबा चबा कर आराम से करना चाहिए ! बीच बीच में अधिक पानी ना पिएं ! भोजन के दो घंटे के बाद 1 से 2 गिलास पानी पिएं ! दोनों समय के भोजन के बीच हल्का नाश्ता फल आदि अवश्य खाएं !
2. तेल गरिष्ठ भोजन से परहेज करें ! भोजन सादा, सात्त्विक और प्राक्रतिक अवस्था में सेवन करने कि कोशिश करें !
3. दिन भर में 8 से 10 गिलास पानी का सेवन अवश्य करें !
4. प्रतिदिन कोई न कोई व्यायाम करने कि आदत जरुर बनाएं ! शाम को घूमने जाएं ! पेट के आसन से व्यायाम का पूरा लाभ मिलता है ! प्राणयाम करने से भी पेट की गैस की तकलीफ दूर हो जाती है !
5. सैंधा नमक और बूरा इन दोनों को मिलाकर महीन करके चूर्ण सा तैयार कर ले ! इस तैयार चूर्ण को देसी घी में मिलाकर सुबह - शाम खाए ! ये क्रिया रोजाना एक महीने तक करने से गैस की बीमारी ठीक हो जाती है !
सैंधा नमक - 1 चम्मच , बूरा - 4 चम्मच , देसी घी - 1 चम्मच
6. शराब, चाय, कॉफी, तम्बाकू, गुटखा, जैसे व्यसन से बचें !
7. प्राक्रतिक वेगों को रोके रखने कि आदत को छोड़ें जैसे मूत्र या मल !
8. दिन में सोना छोड़ दें और रात को मानसिक परिश्रम से बचें !
9. भोजन करते समय बीच बीच में लहसुन, हिंग, थोड़ी थोड़ी मात्रा में खाते रहने से गैस कि तकलीफ नहीं होती !
10. हरड, सोंठ का चूर्ण आधा आधा चम्मच कि मात्रा में लेकर उसमे थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाकर भोजन के बाद पानी से सेवन करने से पाचन ठीक प्रकार से होता है और गैस नहीं बनती !
11. नींबू का रस लेने से गैस कि तकलीफ नहीं होती और पाचन क्रिया सुधरती है !
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