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कीड़े मकौड़े व अन्‍य जीव जंतुओ के काटने पर कुछ घरेलु उपाए....!


हमारी आज की लाइफस्टाइल में हम पिकनिक या आउटिंग जाते है लेकिन जाने अनजाने में कई बार कीड़े – मकौड़ों, जहरीले सांप, बिच्‍छू, कुत्‍ते मधुमक्‍खी आदि के शिकार के शिकार होते ही रहते हैं। वैसे तो इसका सबसे उत्‍तम इलाज यह है कि इन विषैले जीव जंतुओं का शिकार व्‍यक्ति जल्‍दी से जल्‍दी स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र पहुंच जाए ! क्‍योंकि वहां इन जीवों के एंटी वेनम उपलब्‍ध होते हैं !आधुनिक चिकित्‍सा पद्धति में बहुत ही अच्‍छा इलाज उपलब्‍ध है ! पर यदि हम बात करें अपने देश भारत की तो यहां ऐसी सुविधाएं हमारे अस्‍पतालों में मिल भी सकती हैं और नहीं भी ! एक महत्‍वपूर्ण बात और सांप बिच्‍छू के काटने पर बहुत से लोग झाड़ फूंक करने वाले ओझा के पास चले जाते हैं और सही इलाज न मिल पाने की वजह से दम तोड़ देते हैं ! आइल बाद देखे दुनिया के 7 खतरनाक झूले जिसपे लोग गवा चुके है अपनी जान......!

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यदि कुत्‍ता काट ले तो ये उपाए अपनाये...!

1.प्‍याज का रस और शहद मिलाकर पागल कुत्‍ते के काटने से हुए घाव पर लगाने से जहर उतरता है !
2.लाल मिर्च पीसकर तुरंत घाव में भर दें ! इससे कुत्‍ते का जहर जल जाता है और घाव भी जल्‍दी ठीक हो जाता है।
3.जंगली चौलाई की जड़ 125 ग्राम लेकर पीस लें और पानी के साथ बार बार रोगी को पिलाएं ! इससे कुत्‍ते के काटने से पागल हुए रोगी को बचाया जा सकता है !
4. हींग को पानी में पीस कर लगाने से पागल कुत्‍ते के काटने से हुए घाव का जहर उतर जाता है।

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कुछ अन्‍य जीवों के काटने पर......!

1.कनखजूरे के काटने पर प्‍याज और लहसुन पीसकर लगाने से उसका जहर उतर जाता है !
2.छिपकली के काटने पर सरसों का तेल राख के साथ मिलाकर घाव पर लगाने से जहर दूर होता है !
3.मधुमक्‍खी के डंक पर सोआ और सेंधा नमक को चटनी बनाकर लेप करने से दर्द दूर हो जाता है !
4.मकड़ी के काटने पर अमचुर को पानी में मिलाकर घाव पर लगाएं !


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यदि बिच्‍छू डंक मारे तो.. ये नुस्खे अपनाये..!

1.इमली का बीज कच्‍चा या गर्म करके सेंका गया हो ! फिर आप उस बीज को तब तक घिसें जब तक उसका सफेद भाग ना दिखाई देने लगे ! आप इमली के इस बीज को खूब घिसें, घिसने से उस पर चढ़ी काली महरून परत हट जाएगी और उसका सफेद भाग दिखने लगेगा। घिसने से बीज अत्‍याधिक गर्म हो जाएगा ! आपको यही गर्म सफेद भाग बिच्‍छू के डंक पर चिपकाना है। इमली का यह बीज बिच्‍छू का सारा जहर खींचकर स्‍वत: नींचे गिर जाएगा !
2.पुदीने का रस पीने अथवा उसके पत्‍ते खाने से बिच्‍छू के काटने से होने वाली पीड़ा में आराम मिलता है !
3.प्‍याज के रस में नौसादर मिलाकर बिच्‍छू के डंक पर लगाने से विष उतरता है !
4.हल्‍दी की बुकनी अंगों पर डालकर उसका धुआं बिच्‍छू के डंक वाले स्‍थान पर देने से जहर उतरता है !
5. रतालू के रस में नौसादर मिलाकर बिच्‍छू के डंक पर लगाने से बिच्‍छू का जहर उतरता है ! रतालू सूखा हो तो भी चलेगा ! आप सूखे रतालू को भी घिस कर लगा सकते हैं !

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चूहे के काटने पर करे ये उपाए

1.चूहे के काटने पर खराब हुए खोपरे को मूली के रस के साथ घिस कर घाव पर लेप करें। आपको फाएदा होगा !
2.चौलाई के मूल का तीन ग्राम चूर्ण दिन में तीन चार बार शहद के साथ खाने से चूहे का जहर दूर होता है !

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यदि सांप ने काटा हो तो ये उपाए.....!

1.सांप के काटने पर सौ से दो सौ ग्राम शुद्ध घी पिलाकर उल्‍टी कराने से सांप के विष का असर कम होता है ! घी पिलाने के 15 मिनट बाद कुनकुना पानी अधिक से अधिक पिलाएं इससे तुरंत उल्टियां होने लगेंगीं और सांप का विष भी बाहर निकलता जाएगा !
2.हींग को अरंड की कोपलों के साथ पीसकर चने के बराबर गोलियां बनाइए तथा सांप के काटने पर दो – दो गोली आधे – आधे घंटे पर गर्म पानी के साथ देने पर लाभ होता है !
3.सांप के काटने पर 50 ग्राम घी में 1 ग्राम फिटकरी पीसकर लगाने से भी जहर दूर होता है !
4.अरहर की जड़ को चबा – चबा कर खाने से सांप का जहर कम हो जाता है !

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यदि ततैया काटे ये चीज़े अपनाये

1.काटे हुए स्‍थान पर फौरन मिटटी का तेल लगाएं ! जलन शांत हो जाएगी !
2.ततैया के काटने पर उस स्‍थान पर नींबू का रस लगाएं ! सूजन और दर्द चला जाएगा !
3.ततैया या बर्रे ने काटा हो तो उस स्‍थान पर खटटा अचार या खटाई मल दें ! जलन खत्‍म हो जाएगी !

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चींटी, मधुमक्‍खी व काटने पर.....!

=> यदि आपको किसी चींटी, मधुमक्‍खी या ततैया ने काटा हो, तो आप घर में मौजूद कोलगेट या कोलगेट जैसा अन्‍य कोई पेस्‍ट (जिसमें मिंट की मात्रा ज्‍यादा हो) लगाएं। आपको तुरंत आराम मिलेगा। इससे जलन व सूजन दोनों ही ठीक हो जाते हैं। इसके बाद देखे सुहागरात को स्पेशल बनाने के लिए 14 टिप्स


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1 Comments

  1. पागल व साधारण कुत्ता बन्दर साँप बिल्ली लोमड़ी सियार घोड़ा ऊँट नेवला लंगूर गीदड़ डिंगारे छिपकली ऊदबिलाउ मेंढक गिलहरी चूहा भेड़िया रीछ बिच्छू बाज़ गिद्ध चील उल्लू आदि के इंसानों व पालतू जानवरों के नये-पुराने काटे हुवे का ईलाज निःशुल्क होता है कोई पैसा या कोई फ़ीस नहीँ ली जाती है ये हमारी एकदम फ़्री सेवा है मरीज़ की कमर पर काशी की थाली पढ़कर लगाई जाती है अगर शरीर में ज़हर होता हे तो थाली कमर पे चुम्बक की तरह चिपक जाती हे और तब तक नही हटती जब तक शरीर से सारा ज़हर न चूस ले थाली से सारा ज़हर एक बार में ही निकल जाता है ओर मरीज़ पूरी तरह से बिल्कुल ठीक हो जाता है ! ये 100 % प्रतिशत गारन्टी का पेटेन्ट ईलाज है। दुबारा आने की ज़रूरत नहीं पड़ती!
    मगर थाली लगवाने के लिये आपको हमारे पास आना पड़ेगा अगर नहीं आ सकते तो घबराने की कोई बात नहीं आप हमसे थाली पढ़वाकर किसी भी देश, या राज्य में डाक दुवारा या कोरियर से भी मंगवा सकते हें आपको केवल थाली व कोरियर आदि का ही ख़र्चा देना पड़ेगा और कोई पैसा नहीँ देना होगा थाली आपको पढ़कर भेज दी जायेगी उसे आप ख़ुद अपनी नंगी कमर पर लगा सकते हें। थाली किसी भी समय दिन या रात को लगा सकते हें। कोई बन्धन नहीँ है।
    थाली लगाने का तरीक़ा ये हे पहले आप अपनी कमर को नंगा करलें फिर किसी कुर्सी, मेज़ या चारपाई पर अपने दोनों पैर लटकाकर बैठ जायें और फिर अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और थोड़ा नीचे झुक जायें अब कमर पे सबसे ऊपर की तरफ़ थाली को बिस्मिल्लाह पढ़कर लगाएं और 5 मिनट तक पकड़े रहें ताकी उसे अर्थ मिल जाये और वो गिर न पाये अब थाली को छोड़ दें और देखें की थाली कमर पर चिपकी है या नहीँ अगर हाँ तो धीरे-धीरे कमर को हल्का सा सीधा करें बिलकुल सीधा न हों वर्ना थाली नीचे गिर जायेगी अब आराम से बैठे रहें और जब तक थाली लगे लगायें ज़्यादा हिले-जुले नहीँ थाली गिर ने पर फिर इसी प्रकार से दुबारा लगायें बार-बार गिरने पर ना लगायें क्योंकि अब थाली नहीँ लगेगी आपका ज़हर ख़त्म हो गया है। इसीलिए थाली बार-बार गिर रही है ज़हर ख़त्म होने की यही पहचान है।
    हमारी थाली शरीर में ज़हर के कम वे ज़्यादा होने के हिसाब से ही कमर पर चिपकती है आपके शरीर में ज़हर की जितनी अधिक मात्रा होगी ये उतना ही देर तक कमर पे चिपकी रहेगी इसकी कोई लिमिट नहीँ 10 मिन्ट से लेकर 10 घण्टा भी लग सकती है। ज़हर नहीँ होगा तो थाली आपकी कमर पे नहीँ लगेगी
    कुत्ता बन्दर बिल्ली आदि के काटने पर कभी भी नज़र अंदाज़ ना करें और न ही लापरवाही बरतें फ़ौरन उसका ईलाज कराएं या हमसे संम्पर्क करें वर्ना रेबीज़ होने पर जान भी जा सकती है। हमारी सेवा 24 घन्टे है !
    याद रहे हमारे यहाँ केवल काशी की थाली ही पढ़कर लगाई जाती हे कोई दवा या झाड़-फूंक नहीँ की जाती है!
    रेबीज़ होने के कुछ ये लक्छण हैं जैसे---तेज़ बुखार, तेज़ सर दर्द, गले में ख़राश, पानी न पीना, सुस्त रहना, चीख़ना-चिल्लाना, इधर-उधर भागना, काटने को दौड़ना, बहकी-बहकी बातें करना चिड़चिड़ापन आदि!
    नोट- मरीज़ को हड़क यानी (रेबीज़ होने) से पहले-पहले ही हम ईलाज करते हें बाद में कोई ईलाज नहीं करते!
    हमारा पता है-
    बाक़र हुसैन अन्सारी ग्राम- बग़दाद अन्सार पोस्ट हबीब वाला तहसील धामपुर जिला बिजनोर यूपी 246761
    कॉन्टेक्ट तथा व्हाट्सअप नम्बर ये है।
    +919917813838 +919927147103

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