जी हाँ आज हम आपको बताने जा रहे है पक्षियों में एक प्रजाति ऐसी भी है जो बिना घोंसला ( Nest ) बनाएं अपना पूरा जीवन बसर कर देता है ! इस पक्षी का नाम है Indian नाइटजार ! जिसे स्थानीय भाषा में चपका कहते हैं ! नाइटजार की खासियत यह है कि यह देर शाम अंधेरा होने के बाद पूरी रात सक्रिय रहता है ! सुबह होते ही यह फिर से अपने ठिकाने पर चला जाता है ! रात में दिखने वाले इस पक्षी को शोरगुल कतई पसंद नहीं है ! यही वजह है कि जंगल में इंसान का दखल बढ़ने से यह अब विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गया है ! पक्षी प्रेमी दिनेश कुकरेती का कहना है कि पिछले दस साल में इनकी संख्या में भारी कमी देखी गई है ! इक्का-दुक्का स्थानों पर ही रात को इसकी ध्वनि सुनी जाती है !
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यह पक्षी ग्रे भूरा और कुछ Black रंग का होता है ! इसके पंखों के नीचे हल्की White धारी होती है ! ज्यादातर यह ऊंचाई वाली चट्टानों, टीलों, पत्थरों और बांझ के झाड़ में अपना ठिकाना बनाता है ! आप यदि इसके पास से भी गुजर जाएं तो अमूमन अपने पेड़ पौधों और चट्टान के रंग जैसा होने के कारण नजर नहीं आता ! यह पक्षी साल में केवल दो अंडे देता है ! जो हल्के सफेद और हल्के काले धब्बेयुक्त होते हैं ! अंडों और बच्चों को कड़ी धूप बारिश और आंधी से बचाने के लिए यह उनके ऊपर बैठा रहता है !
प्रवास स्थल बदल रहा यह पक्षी
पक्षी expert दिनेश कुकरेती कहते हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में जगह-जगह सड़कों का निर्माण और इससे उत्पन्न शोरगुल, वनों में आग लगने, मानवीय गतिविधियां बढ़ने से इसकी संख्या कम हो रही है ! अब कभी-कभार ही पक्षी प्रेमियों को नाइटजार नजर आता है !
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